ईपीएफओ मेंबर्स के लिए दिवाली से पहले एक बड़ी खुशखबरी आई है. नई दिल्ली में हुई सीबीटी की 238वीं बैठक में बड़ा फैसला लिया गया और इसके तहत 25% न्यूनतम बैलेंस के अलावा पीएफ अकाउंट में जमा बाकी 100% निकासी को अनुमति दे दी गई है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO ने बड़ा तोहफा देते हुए पीएफ अकाउंट में जमा फंड की निकासी और भी आसान कर दी है. 7 करोड़ से ज्यादा मेंबर्स के लिए बड़ा ऐलान करते हुए संगठन ने साफ कर दिया है कि वे अब बिना किसी समस्या के खाते में तय न्यूनतम बैलेंस को छोड़कर बाकी बची पूरी जमा राशि निकाल सकेंगे. केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) की ओर से निकासी की इस नई लिमिट को मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही बोर्ड ने ईपीएफओ मेंबर्स के लिए PF Withdraw की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए कई और बड़े फैसले भी लिए हैं.
PF में जमा 75% रकम निकाल सकेंगे
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में ये बैठक हुई थी. इसमें केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शोभा करंदलाजे, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में सचिव वंदना गुरनानी समेत ईपीएफओ आयुक्त रमेश कृष्णमूर्ति भी शामिल रहे. सीबीटी की बैठक में हुए बड़े फैसलों में सबसे अहम ये रहा है कि अब EPFO मेंबर्स कर्मचारी और नियोक्ता के हिस्से समेत पीएफ खाते में मिनिमम बैलेंस को छोड़कर पात्र शेष राशि को पूरा निकालने में सक्षम होंगे. बता दें कि न्यूनतम बैलेंस कुल जमा फंड का 25% है, ऐसे में 75% की निकासी की जा सकेगी
पहले इन मामलों में मिलती थी सुविधा
इससे पहले यह लिमिट सीमित रखी गई थी, जिसके तहत पूरी राशि निकालने की अनुमति सिर्फ बेरोजगारी या रिटायरमेंट की स्थिति में मिलती थी. बेरोजगार होने के एक महीने बाद मेंबर अपने पीएफ खाते में जमा शेष राशि का 75 फीसदी निकाल सकता था और उसके दो महीने बाद बाकी बची 25% रकम की निकासी कर सकता था. वहीं रिटायरमेंट के मामले में एक साथ पूरी राशि निकालने की अनुमति दी गई थी.
कैसे ये फैसला फायदेमंद?
सीबीटी की बैठक में लिए गए इस बड़े फैसले के बारे में श्रम मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि अब सभी ईपीएफओ सदस्यों के लिए ये राहत दे दी गई है. जिसमें मेंबर अपने पीएफ अकाउंट में 25% राशि को न्यूनतम बैलेंस के रूप में बनाए रखते हुए बाकी 75 फीसदी रकम आसानी से निकाल सकेंगे. इससे सदस्य को ईपीएफओ की ओर से दिए जाने वाले 8.25% सालाना ब्याज का लाभ मिलता रहेगा. इसके अलावा मिनिमम बैलेंस जमा रहने से रिटायरमेंट फंड भी जुड़ता रहेगा.
ईपीएफओ ने ये बदलाव भी किए
नई दिल्ली में हुई इस अहम बैठक में लिए गए अन्य फैसलों के बारे में बात करें, तो एजुकेशन के लिए 10 बार निकासी की जा सकेगी, तो वहीं शादी के लिए जरूरत पड़ने पर 5 बार रकम निकाल सकेंगे. इससे पहले ये लिमिट 3 आंशिक निकासी की थी, जिसे खत्म करके राहत दी गई है. ईपीएफओ ने इसके अलावा आंशिक निकासी के लिए अलग-अलग मामलों में सर्विस टेन्योर की लिमिट को भी सभी के लिए एक कर दिया है और ये 12 महीने तय किया गया है. ये फैसला नए कर्मचारियों के लिए खासा लाभदायक होगा.
दावों का हो सकेगा 100% निपटान
अब तक जहां विशेष परिस्थितियों जैसे प्राकृतिक आपदा या महामारी जैसे मामलों में पीएफ का पैसा निकालने के लिए कारण स्पष्ट करने होते थे. इन मामलों में कई क्लेम खारिज भी कर दिए जाते थे. लेकिन अब ऐसी स्थिति में इस कैटेगरी के तहत सदस्यों को किसी भी तरह को कोई कारण बताने की जरूरत नहीं होगी. मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अब डॉक्युमेंट्स की जरूरत को खत्म किया गया है, जिससे आंशिक निकासी के दावों का 100% ऑटोमैटिक निपटान सुनिश्चित होगा और मेंबर्स को आसानी होगी.