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कलेक्टर ने शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने दिए सख्त निर्देश:रेमेडियल क्लासेस, ई-अटेंडेंस पर नजर; अब पेरेंट-टीचर मीटिंग पालकों के घर पर

छिंदवाड़ा: स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक गतिविधियों की कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा गहराई से समीक्षा की गई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जी.एस. बघेल, सहायक संचालक शिक्षा जनजातीय कार्य विभाग उमेश सातनकर, डीपीसी जगदीश इड़पाचे, सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, एपीसी और बीआरसीसी उपस्थित रहे।

कलेक्टर ने कमजोर विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लासेस नियमित संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये कक्षाएं समय पर चलें ताकि बच्चों की कमियों को दूर कर परीक्षा में बेहतर परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें।

ई-अटेंडेंस में लापरवाही बर्दाश्त नहीं – बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि जिन विद्यालयों में ई-अटेंडेंस नहीं लगाई जा रही है, उनकी सूची तत्काल उपलब्ध कराई जाए और संबंधित इंचार्ज पर सख्त कार्यवाही की जाए। “शिक्षकों की उपस्थिति और समयपालन शिक्षा की गुणवत्ता का आधार है,” उन्होंने कहा।

अतिथि शिक्षकों पर भी कड़ी कार्रवाई – कलेक्टर ने कहा कि यदि अतिथि शिक्षक अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रहे हैं तो उन्हें तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा कि जिले के विद्यार्थियों के भविष्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अतिथि शिक्षक नियमित, समय पर और गुणवत्तापूर्ण कक्षाएँ लें, अन्यथा उनकी सेवाएँ समाप्त कर दी जाएँ।

अब पेरेंट-टीचर मीटिंग पालकों के घर पर – कलेक्टर ने निर्देश दिया कि प्रत्येक 15 दिन में कम से कम एक पालक के घर बैठक आयोजित की जाए। इससे अभिभावकों की सहभागिता बढ़ेगी और बच्चों की पढ़ाई में परिवार की भूमिका मजबूत होगी।

कलेक्टर सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग की प्रत्येक गतिविधि की समीक्षा समय-समय पर की जाएगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।