जिला स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता का आयोजन महाविद्यालय की स्थापना के चौरई महाविद्यालय में बाद पहली बार हुआ, जिसे बड़े ही भव्य और सुव्यवस्थित तरीके से संपन्न किया गया
चौरई : कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ जन प्रतिनिधि एवं मुख्य अतिथि पंडित रमेश दुबे के आतिथ्य में हुआ। मंच पर शैलेन्द्र रघुवंशी, श्रीमती पूर्णिमा शरद जैन, वेद प्रकाश चौरसिया, एन. के. शुक्ला, रामजी वर्मा, बद्री प्रसाद जी, जितेंद्र निवार एवं हेमंत सनोडिया उपस्थित रहे। प्रतियोगिता की रूपरेखा प्रभारी डॉ. प्रदीप पटवारी ने प्रस्तुत की तथा राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय के खेल विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. सुशील पटवा ने महाविद्यालय टीम को उत्कृष्ट आयोजन हेतु बधाई दी ।
मुख्य अतिथि दुबे ने विद्यार्थियों के जीवन में खेलों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण का माध्यम भी हैं । श्रीमती पूर्णिमा शरद जैन ने महाविद्यालय को निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया, वहीं शैलेन्द्र रघुवंशी ने शतरंज के विभिन्न मोहरों से मिलने वाली जीवन-दृष्टि को विद्यार्थियों के साथ साझा किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य मुकेश कुमार ठाकुर ने महाविद्यालय के विकास कार्यों और राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों की उपलब्धियों का उल्लेख किया।
प्रतियोगिता में छिंदवाड़ा जिले के विभिन्न महाविद्यालयों की टीमों ने भाग लिया। पंडित रमेश दुबे जी एवं श्रीमती पूर्णिमा जैन जी ने गोटियां चलकर खेल का शुभारंभ किया।
पुरुष वर्ग में प्रियेश कुमार सोनी (पीजी कॉलेज छिंदवाड़ा) ने प्रथम, अनंत राय (पेंचवेली महाविद्यालय परासिया) द्वितीय, सक्षम जैन (कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय चौरई) तृतीय, मयूर सोनी (पेंचवेली महाविद्यालय परासिया) चतुर्थ तथा शिवम गोहिया (शास. महाविद्यालय चौरई) ने पंचम स्थान प्राप्त किया।
महिला वर्ग में इंगरूता उइके (कन्या महाविद्यालय चौरई) प्रथम, राशि (शास. महाविद्यालय जुन्नारदेव) द्वितीय, अनुभूति जैन (शास. महाविद्यालय चौरई) तृतीय, पूर्णिमा सूर्यवंशी (कन्या महाविद्यालय छिंदवाड़ा) चतुर्थ तथा खुशबू सोलंकी (शास. महाविद्यालय चौरई) पंचम स्थान पर रहीं।
टीम चैंपियनशिप में पुरुष वर्ग का खिताब पेंचवेली महाविद्यालय परासिया ने जीता जबकि महिला वर्ग का खिताब संयुक्त रूप से शासकीय महाविद्यालय चौरई एवं राजमाता सिंधिया कन्या महाविद्यालय छिंदवाड़ा ने हासिल किया।
पुरस्कार वितरण का कार्य डॉ. राजेश कहार, आशुतोष गौर, डॉ. रामकुमार उसरेठे तथा डॉ. कृष्णा लहरपुरे ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. अर्चना तिवारी, सबाहत अंजुम कुरैशी, डॉ. फरहत हक, डॉ. पुष्कर राज मालवीय, डॉ. विनोद बुड़ेकर, जैद खान, यादेश विश्वकर्मा, हिमेश्वरी परिहार, यशोदा तोमर सहित समस्त प्राध्यापकगण एवं स्टाफ का सहयोग उल्लेखनीय रहा। मंच संचालन डॉ. विकास कुमार शर्मा ने संस्कृत श्लोकों के माध्यम से आकर्षक ढंग से किया।
समापन अवसर पर आभार व्यक्त करते हुए श्री चंद्रशेखर उसरेठे ने समस्त अतिथियों, खेल प्रशिक्षकों, खेल दल, रेफरी, पत्रकार बंधुओं एवं आयोजन समिति का धन्यवाद ज्ञापित किया।
