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पटाखों की बिक्री पर दुकानदारों को मिली राहत, पर चांदनी चौक का हाल देख टेंशन में दिल्लीवासी

दीपावली के चंद दिन पहले हरित पटाखों की बिक्री व फोड़ने की सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से पटाखा विक्रेता राहत में है, लेकिन उसकी आड़ में खुलेआम शुरू हुई प्रदूषण फैलाने वाले और बिना अस्थाई लाइसेंस के हरित पटाखों की बिक्री ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।

वहीं, स्थिति यह कि सदर बाजार व चांदनी चौक में खुलेआम सामान्य पटाखे बिक रहे हैं। साथ ही बिना लाइसेंसिंग प्रक्रिया पूरी किए दिल्लीभर में ग्रीन पटाखों की बिक्री शुरू हो गई है।दीपावली 20 अक्टूबर को है। सुप्रीम कोर्ट ने 18 व 21 अक्टूबर तक ग्रीन पटाखों की बिक्री की सशर्त अनुमति दी है। दिल्ली के प्रमुख पटाखा कारोबारियों के अनुसार, मुख्य पर्व दीपावली में बमुश्किल चार दिन बचे हैं। इसमें संभव ही नहीं है कि वैधानिक तरीके से ग्रीन पटाखों की बिक्री हो जाए। क्योंकि, पटाखों की अस्थाई बिक्री के लिए लाइसेंस लेनी की प्रक्रिया दो से ढाई माह पूर्व ही शुरू हो जाती है।

इसी प्रकार, तमिलनाडु समेत अन्य राज्यों में पटाखा कंपनियों को आर्डर देने का काम छह से आठ माह पूर्व शुरू हो जाता है। जबकि, नजदीक के गुरुग्राम, रोहतक व साेनीपत स्थिर निजी भंडार गृहों में भी पटाखें कम हैं।प्रतिबंध से पहले के वर्षों में दिल्ली में प्रत्येक दीपावली पर पटाखों की बिक्री के लिए 1,500 के करीब अस्थाई लाइसेंस जारी होते थे। जिसकी प्रक्रिया अगस्त माह से शुरू हो जाती है। यह प्रक्रिया दिल्ली पुलिस के लाइसेंसिंग विभाग द्वारा दी जाती है। बुधवार आदेश आने के देर शाम तक पटाखा विक्रेताओं की पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक ही होती रही।वैसे, माना जा रहा है कि मौजूदा स्थिति में स्थाई लाइसेंस धारक 143 विक्रेता ही पटाखे की बिक्री कर सकेंगे, लेकिन उन्हें भी लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया से गुजरना होगा। वैसे, आदेश आने से पहले ही चांदनी चौक, भागीरथ पैलेस व सदर बाजार जैसे बाजारों में ग्रीन के साथ प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री शुरू है। प्रदूषण फैलाने वाले पटाखे मनमाने दाम में बेचे जा रहे हैं।

जागरण की पड़ताल में सड़क व फुटपाथ के साथ गलियों में दुकानें लगाकर लोग पटाखे बेचते दिखे। इसी तरह भागीरथ पैलेस में भी अस्थाई दुकानें लगा ली है। जहां से लोग खरीदारी कर रहे हैं, लेकिन उनपर रोकथाम का कोई पुलिसिया प्रयास नहीं दिखा।

स्थाई लाइसेंस का भी कराना होगा नवीनीकरण

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआइ) के चेयरमैन बृजेश गोयल के अनुसार, पटाखा बिक्री का स्थाई लाइसेंस लिए दुकानदारों को भी नए सिरे से लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा, क्योंकि वह निलंबित हो चुके हैं। इसलिए सबसे पहले विष्फोटक विभाग कार्यालय से लाइसेंस का नवीनीकरण कराना होगा।

इसके बाद जिलाधिकारी, अग्निशमन व दिल्ली पुलिस से स्वीकृति लेनी होगी। इसी तरह, पटाखा कारोबारियों को दिल्ली के बाहर से पटाखे मंगाने पड़ेंगे, क्योंकि दिल्ली में पिछले काफी वर्षों से पटाखे प्रतिबंधित है। ऐसे में देखें तो संभव नहीं है कि ग्रीन पटाखों की बिक्री हो पाए।