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राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान तथा हिरण्यगर्भा अभियान के संबंध जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

छिंदवारा : प्रमुख सचिव पशुपालन एवं डेयरी विभाग मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार गत दिवस शासकीय भवन इमलीखेड़ा में जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मैत्री कार्यकर्ताओं एवं गौसेवकों को राष्ट्रीय कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम, दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान तथा हिरण्यगर्भा अभियान के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

उप संचालक पशुपालन एवं डेयरी विभाग डॉ.एच.जी.एस.पक्षवार ने बताया कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन अंतर्गत निष्क्रिय मैत्रियों को पुनः सक्रिय करने तथा इच्छुक मैत्रियों को रिफ्रेशर प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया है। यह प्रस्ताव 18 सितम्बर तक निगम को भेजा जाएगा। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य भारत पशुधन एप पर कृत्रिम गर्भाधान की ऑनलाइन एंट्री सुनिश्चित करना है। इसकी प्रायोगिक ट्रेनिंग उपसंचालक डॉ. एच.जी.एस. पक्षवार ने स्वयं दी।

उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में आगामी 2 अक्टूबर से दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान प्रारंभ होगा। इसके अंतर्गत गांव-गांव के पशुपालकों से व्यक्तिगत संपर्क कर पशुपालन, पोषण, पशु स्वास्थ्य एवं नस्ल सुधार के प्रति जागरूक किया जाएगा। इस दौरान पशुपालकों के घर-घर जाकर उनकी सूची का सत्यापन किया जाएगा और टैगिंग से वंचित पशुओं की जानकारी भी एकत्रित की जाएगी। प्रत्येक संपर्क कार्य हेतु मैत्रियों को प्रति पशुपालक 5 रुपये का मानदेय प्रदान किया जाएगा।

अभियान तीन चरणों में संचालित होगा – पहले चरण में 10 या उससे अधिक गौवंश पालकों, दूसरे चरण में 5 या अधिक तथा तीसरे चरण में 5 या कम गौवंश पालकों से संपर्क किया जाएगा।

डॉ. पक्षवार ने जानकारी दी कि मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण हेतु पांढुर्णा से 2 एवं छिंदवाड़ा से 4 पशु चिकित्सकों को 15 सितम्बर को भोपाल भेजा जा रहा है। ये प्रशिक्षक लौटकर जिले के विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण देंगे। इस अवसर पर पशु चिकित्सा विस्तार अधिकारियों की अलग बैठक लेकर विभागीय योजनाओं के लक्ष्यों की पूर्ति पर विशेष जोर दिया गया।