साधारण बुखार,कई डाक्टर्स ने किया इलाज – अंतत: अंग हुए फेल
मृतक सत्या की मां ने बहते आंसुओं के साथ बताई दास्तां
CHHINDWARA NEWS : जिस घर के आंगन में किलकारियां गुंजा करती थी बच्चे के स्कूल से दौड़ते आने की आहट होती थी आज वहां पर मातम छा गया। साधारण से बुखार का इलाज कराने गए बच्चे का एक सप्ताह के अंदर मल्टीपल अंग फेल होने से दुखद निधन हो गया। जिसकी दास्तान मृतक बच्चे सत्या की मां संगीता पवार ने सिसकते हुए बहते आँसुओ के साथ बताया है। चर्चा में बताया है कि मेरे बच्चा सत्या को साधारण सा बुखार था तो जांच के लिए चौरई में डॉक्टर को दिखाया आराम नहीं लगने पर दूसरे डॉक्टर को दिखाया फिर भी आराम नहीं हुआ तो तीसरे डॉक्टर को दिखाया जहां एक दिन इलाज के बाद लैब में खून की जांच कराई गई, उसके बाद इलाज जारी रहा फिर भी आराम नहीं लगा तो उसे दूसरे दिन छिंदवाड़ा ले जाकर दिखाया गया जहां पर डॉक्टर ने एक दिन रखकर दूसरे दिन पुनः देखने की बात कही तो उसे एक दिन सरकारी अस्पताल में भर्ती कर दूसरे दिन डॉक्टर को दिखाया बाद में डॉक्टर के द्वारा फिर से खून की जांच की गई रिपोर्ट में स्थिति बिगड़ते देख बच्चे को नागपुर भेज दिया गया । नागपुर में भी प्राइवेट हॉस्पिटल के साथ मेडिकल हॉस्पिटल में बच्चे का इलाज चला लेकिन कोई आराम नहीं मिलने और बच्चे की स्थिति दिन वा दिन बिगड़ने से अंततः निधन हो गया और रिपोर्ट में डॉक्टर ने बताया कि बच्चों की किडनी लीवर मस्तिष्क सारे अंग फेल हो गए हैं इस वजह से सत्या की मौत हो गई । ये सब इलाज के दौरान परिवार सत्या को बचाने के लिए संघर्ष करता रहा और इलाज के खर्च के लिए रिश्तेदारों के आर्थिक सहयोग के बाद और पैसा लगा तो मैने अपने मंगलसूत्र और नथनी गिरवी रखकर इलाज कराया ताकि मेरा सत्या ठीक हो सके लेकिन सत्या को हम नहीं बचा पाए और पूरे घर में मातम छा गया ।
बहते आंसुओं के साथ चर्चा में आगे बताया कि मैं अपने बच्चे की मौत साधारण बुखार से मान रही थी लेकिन जब पता चला कि डाक्टरी जांच में लिखी सिरप दवा बच्चे को दी गई उसी में गड़बड़ी है यह जानकार मैं अपने आप को माफ नहीं कर पा रही हूं और मुझे लग रहा है कि मैं दवाई के रूप में सत्या को जहर दे रही थी । जबकि मेरा बच्चा सत्या दवाई पीने के लिए मना कर रहा और उसे मैं जबरन दवाई देती रही ताकि वो जल्दी ठीक हो जाए मुझे क्या पता कि यह सिरप ही मेरे बच्चे की जान ले लेगा इसके लिए मैं अपने आप को कभी माफ नहीं कर पाऊंगी मेरा हंसता खेलता प्यारा बच्चा आज मुझसे जुदा हो गया।
ऐसा ही हाल पूरे परिवार का है हर व्यक्ति एवं आसपास के मोहल्ले वासी दुखी है। सभी भारी दुख व्यक्त करते हुए कह रहे हैं कि हमें नहीं पता कि साधारण से बुखार के इलाज में हमारा बच्चा जान खो बैठेगा आज हम किस पर भरोसा करें कौन सी दवाई खाएं किसको माने कुछ भी समझ नहीं आ रहा हर ओर हमारा बच्चा सत्या ही नजर आ रहा है ।