मुख्यमंत्री-स्वास्थ्य मंत्री के सख्त आदेशों के बावजूद चौरई प्रशासन मौन — किसके दबाव में प्रभारी BMO?
चौरई क्षेत्र में जनता मे बढ़ रहा है आक्रोश जल्द कार्यवाही नहीं तो आंदोलन ?
चौरई:-छिंदवाड़ा जिले में जहरीले कफ सिरप से मासूमों की मौत के बाद पूरा प्रदेश सन्न रह गया।मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने खुद दोषी डॉक्टरों, दवा दुकानों और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई के स्पष्ट निर्देश दिए — लेकिन चौरई में सब कुछ वैसा ही है!यहां के जिम्मेदार अधिकारी अब भी फाइलों में झाड़ पोंछ कर बहानेबाज़ी में व्यस्त हैं।
मौत के बाद भी खामोश है सिस्टम
चौरई क्षेत्र में हुए दर्दनाक हादसे में एक मासूम बच्चे ने जहरीली कफ सिरप पीने के बाद दम तोड़ दिया।गांव का मातम अभी थमा भी नहीं था कि स्वास्थ्य विभाग ने अपनी लापरवाही को जिम्मेदारी की चादर से ढकने की कोशिश शुरू कर दी।
जनता सवाल पूछ रही है — अगर पूरे प्रदेश में कार्रवाई हो सकती है, तो चौरई में क्यों नहीं ?
प्रभारी BMO का चौंकाने वाला बयान — अभी OPD में हूं, स्टाफ की कमी है!
जब प्रभारी BMO से इस गंभीर मामले में सवाल किया गया कि अब तक दोषी डॉक्टरों या दवा दुकानदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई, तो उनका बेपरवाह जवाब सबको हैरान कर गया —अभी मैं OPD में हूं, स्टाफ की कमी है, आप अधिकारी को बोलकर स्टाफ बुला दीजिए तब कार्रवाई कर लूंगा। पहले भी की थी, लेकिन ले-देकर सब फिर वैसा का वैसा हो जाता है सभी लोग नेता नगरी यहां बहा से जुगाड़ कर के फिर काम बना लेते है यह बयान यह साबित करता है कि प्रशासन के भीतर मिलीभगत और उदासीनता की जड़ें कितनी गहरी हैं।एक बच्चे की जान चली जाने के बाद भी अफसरों को OPD और स्टाफ की कमी का बहाना सूझ रहा है!
क्या चौरई में अधिकारीयो पर कोई “दबाव” है ?
👉अब बड़ा सवाल यह उठता है —
आख़िर प्रभारी BMO किसके दबाव में हैं ?
👉कौन से हाथ ऐसे हैं जो इस पूरे प्रकरण को ठंडे बस्ते में डालना चाहते हैं ?
👉क्या दोषी डॉक्टरों और दवा विक्रेताओं की मजबूत पकड़ ने स्वास्थ्य विभाग को बंधक बना रखा है?
👉जनता में आक्रोश — हमारे बच्चों की जान सस्ती नहीं ?
👉चौरई और आसपास के ग्रामीण इलाकों में इस लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश है।
👉लोग कह रहे हैं मुख्यमंत्री ने दोषियों पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं, तो चौरई में किसकी सुनवाई हो रही है ?
👉क्या यहां प्रशासन किसी और की डोर से बंधा है ?
👉जनता की मांग — तत्काल निलंबन और जांच और एफ आई आर की मांग
जनता की यह सीधी मांग है कि —
प्रभारी BMO और संबंधित डॉक्टरों पर तत्काल जांच बैठाई जाए।जिस कफ सिरप से बच्चे की मौत हुई, उसकी बिक्री की पूरी श्रृंखला सार्वजनिक की जाए।दोषी दुकानदारों और दवा सप्लायर्स पर FIR दर्ज की जाए, ताकि भविष्य में कोई मासूम फिर ऐसी मौत न मरे।
अब चौरई पूछ रहा है —
👉एक मासूम की मौत पर भी अगर अधिकारी सिर्फ कुर्सी संभालने में व्यस्त हैं,तो क्या स्वास्थ्य विभाग का दिल भी अब पत्थर बन चुका है ?”